मोसी जी के घर में एक दिन बहुत सुंदर रात आई। चाँदनी रात में तारों ने आसमान को सजाया और हवा भी मिठास से भरी हुई थी। मोसी जी ने अपनी सारी रात यही सोचते रहे कि उन्हें अपनी पोती के साथ कुछ खास करना चाहिए।
गर्मी की रात में बाग की तरफ जाते हुए, मोसी ने अपनी पोती को बुलाया। “क्या हुआ बेटा, तू इतनी देर तक यहाँ क्यों बैठी है?” मोसी ने पोती से पूछा।
पोती ने हंसते हुए कहा, “मोसी जी, आपने कहा था कि आज हम कुछ खास करेंगे।”
मोसी जी मुस्कराएं और बोलीं, “तू बहुत ही समझदार है, मेरी बेटी। आओ, हम मिलकर कुछ खास करते हैं।”
वे दोनों बाग की तरफ बढ़े और एक साथ मिलकर बहुत सारे फूलों को सजाने लगे। मोसी ने अपनी पोती को सिखाया कि कैसे फूलों को सही तरीके से पौधों पर रखा जाता है और उन्हें सुंदरता से सजाया जाता है।
रात भर मेहनत करने के बाद, जब सब कुछ तैयार था, मोसी ने अपनी पोती से कहा, “देखो, हमने इस बाग को और भी खूबसूरत बना दिया है।”
पोती ने खुश होकर कहा, “धन्यवाद, मोसी जी! यह रात हमें हमेशा याद रहेगी।”
इस तरह, मोसी जी और उनकी पोती ने सारी रात मेहनत करके बाग को सजाया और एक-दूसरे के साथ समय बिताया। इस खास रात ने उनकी बंधन को मजबूती से जोड़ दिया और उन्हें एक अद्भुत याद बना दी
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